Sunday, January 12, 2014

विटामिन बी कॉम्प्लैक्स

विटामिन बी जल में घुलनशील विटामिन का एक समूह है, जिनमें से अलग-अलग विटामिन शरीर में अलग-अलग भूमिकाएँ निभाते हैं।

विटामिन बी समूह के सदस्य:
• विटामिन बी1 (थियामीन)
• विटामिन बी2 (राइबोफ्लैविन)
• विटामिन बी3 (नियासिन)
• विटामिन बी5 (पैंटोथेनिक एसिड)
• विटामिन बी6 (पायरिडॉक्सिन)
• विटामिन बी7 (बायोटिन)
• विटामिन बी9 (फॉलिक एसिड)
• विटामिन बी12 (विभिन्न कोबालामिन्स)
विटामिन बी कॉम्लैक्स के लाभ:
विटामिन बी कॉम्प्लैक्स शरीर में ऊर्जा पैदा करने तथा लाल रक्त कोशिकाओं का संश्लेषण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह:
• यह उपापचय में मदद तथा इसकी दर तेज करता है।
• त्वचा, बाल तथा मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है।
• अग्नाशय के कैंसर का खतरा घटाता है।
• तंत्रिका तंत्र और प्रतिरक्षा प्रणाली को सुचारू रखता है।
• कोशिका विभाजन और वृद्धि को प्रोत्साहित करता है।

विटामिन बी की कमी से होने वाली समस्याएँ:
विटामिन बी 1 (थियामिन):
विटामिन बी1 की कमी से बेरी-बेरी नाम का रोग होता है। यह तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाला रोग है, जिसमें वजन घटना, भावनात्मक दुर्बलता, शारीरिक दुर्बलता, हाथ-पैरों में दर्द, दिल की धड़कनों का असामान्य होना, हृदयाघात तथा मृत्यु तक हो सकती है।
विटामिन बी2 (राइबोफ्लैविन):
राइबोफ्लैविन की कमी से अराइबोफ्लैविनोसिस नाम का रोग होता है जिसमें ओठ फटना, धूप के प्रति अतिसंवेदनशीलता, जीभ में छाले, गले में छाले, स्यूडो-सिफलिस जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
विटामिन बी3 (नियासिन):
पेलाग्रा लंबे समय तक नियासिन की कमी से होने वाली स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें डर्मेटाइटिस, उत्तेजना, डायरिया, नींद न आना तथा मानसिक दुविधा की स्थिति उत्पन्न होती है। पेलाग्रा से डिमेंशिया (सोचने-समझने की शक्ति का ह्रास) और मृत्यु तक हो सकती है।

विटामिन बी5 (पैंटोथेनिक एसिड):
विटामिन बी5 की कमी से मँहासे तथा पैरेस्थेसिया (हाथ पैरों में जलन, झनझनाहट, त्वचा में चुभन भरी खुजली आदि) हो सकते हैं।

विटामिन बी6 (पायरिडोक्सिन):
पायरिडोक्सिन की कमी से अवसाद, जल प्रतिधारण तथा उच्च रक्तचाप की समस्या उत्पन्न होती है।

विटामिन बी7 (बायोटिन):
विटामिन बी7 की कमी से वयस्कों में कोई उल्लेखनीय लक्षण उत्पन्न नहीं होते, लेकिन शिशुओं में इसकी कमी से तंत्रिका तंत्र संबंधी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं तथा शारीरिक वृद्धि रुक जाती है।

विटामिन बी9 (फॉलिक एसिड):
गर्भवती स्त्रियों में विटामिन बी9 की कमी से होने वाले शिशु में जन्मजात समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। फॉलिक एसिड गर्भस्थ शिशु में मस्तिष्क तथा रीढ़ की हड्डी के विकास के लिए आवश्यक है। इसके अलावे, शिशु में इसकी कमी से हृदय संबंधी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं तथा गर्भपात भी हो सकता है। इसलिए गर्भवती स्त्रियों को फॉलिक एसिड की गोलियाँ खाने के लिए कहा जाता है।

विटामिन बी12 (विभिन्न कोबालामिन्स):
विटामिन बी 12 की कमी से मैक्रोसायटिक एनीमिया, स्मरणशक्ति में कमी, सोच-समझ में कमी और पैरीफेरल न्यरोपैथी आदि समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। ये समस्याएँ अधिकांशतः वृद्ध लोगों में उत्पन्न होती हैं। कभी-कभार इसकी कमी से लकवा भी हो सकता है।

विटामिन बी कॉम्प्लैक्स के स्रोत:
• मछलियाँ और समुद्री आहार
• अंडे
• साबुत अनाज
• दूध और दही
• पॉल्ट्री और मीट
• हरी पत्तेदार सब्जियाँ
• बीन्स और दलहन
इन जरूरी विटामिन को अपने आहार में शामिल करें और स्वस्थ रहें! Read More...........

स्वादिष्ट स्ट्राबेरी ओटमील स्मूदी

यह स्वादिष्ट रेसिपी आजमाएँ और कुछ यादगार क्षण बिताएँ।

यहाँ एक स्वादिष्ट और बनाने में आसान ओटमील स्मूदी रेसिपी बताई जा रही है। यह स्वादिष्ट रेसिपी ओटमील की अच्छाइयों से भरी है और आपके पेट के लिए हल्का और फायदेमंद है।
स्मूदी ब्लैंड किया हुआ मीठा पेय है जो ताजे फलों से बनता है और कभी-कभी इसमें पीनट बटर तथा चॉकलेट भी पड़ते हैं।

जरूरी सामग्रियाँ:
• 1 कप स्किम्ड मिल्क
• 1/2 कप फ्रोज़न स्ट्राबेरी, जरूरी लगे तो ज्यादा ले सकते हैं
• 1/2 कप रोल किए गए ओट
• 1 केला
• 1/2 छोटा चम्मच वनीला एक्सट्रैक्ट
• 2 छोटा चम्मच स्वीटनर (चीनी या अगैव नेक्टर भी उपयोग में लाया जा सकता है!)

बनाने की विधि:
ब्लैंडर में ओट, केला, स्ट्राबेरी और दूध डालें। स्वादानुसार वनीला एसेंस और स्वीटनर भी डालें। गाढ़े, चिकने पल्प तैयार होने तक ब्लैंड करें और ग्लास में रखकर ठंडा कर सर्व करें।
रेसिपी आजमाएँ और हमें भी बताएँ कि आपको यह कैसा लगा। Read More.......

शोले पर बोले स्वर्गीय अमजद खान के पुत्र

भारतीय फिल्मों के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली ‘शोले’ 3-D संस्करण में फिर से लॉन्च होने जा रही है। फिल्म निर्माता सिप्पी ब्रदर्स और जयंतीलाल गड़ा ने स्वर्गीय श्री अमजद खान के परिवार के लिए खास स्क्रीनिंग किया है। अमजद खान ने इस फिल्म में गब्बर सिंह की प्रसिद्ध भूमिका निभाई थी।
स्वर्गीय खान के पुत्र शादाब खान अपनी पत्नी के साथ स्क्रीनिंग में उपस्थित हुए और जब उनसे राम गोपाल वर्मा के ‘शोले’ के विषय में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें वर्मा की फिल्म पसंद नहीं आई। उस फिल्म ने असली शोले का सत्यानाश कर दिया।
शादाब ने कहा कि वह शोले 3D देखने जा रहे हैं, इसलिए उनके मन में सकारात्मक अनुभूति हो रही है और ऐसे अच्छे समय में वह किसी नकारात्मक व्यक्ति के विषय में बात नहीं करना चाहते।
उन्होंने कहा कि ऐसी ऐतिहासिक फिल्म का रीमेक बनाते समय व्यक्ति के मन में फिल्म तथा उसके पात्रों के प्रति सम्मान की भावना अवश्य होना चाहिए।
शादाब खान ने आगे कहा, “मुझे राम गोपाल वर्मा से केवल एक समस्या है कि अगर वह किसी बहुत ही प्रसिद्ध और महान फिल्म का रीमेक बना रहे हैं तो कम से कम इतना करें कि वह असली फिल्म के कलाकारों का आदर करते हुए एक अच्छी फिल्म बनाएँ।” Read More

Sunday, December 22, 2013

नवीनतम लाइव समाचार

हाय, मेरा नाम oneworldnews है, और मैंने आप का बलौग पढा. वास्तव में य़ह  नवीनतम लाइव समाचार  के बारे मे शानदार जानकारी है और मुझे यह पसंद है. यदि आप अधिक जानकारी चाहते हैं तो यहा जाएं.- <a href="http://www.oneworldnews.in/hindi.html">नवीनतम लाइव समाचार</a>

Sunday, October 13, 2013

डाइट सप्लीमेंट का स्वास्थ्य पर प्रभाव

दुनिया भर के लोग स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए डाइट सप्लीमेंट का उपयोग करते हैं, लेकिन बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि ये हमेशा फायदेमंद नहीं होते।



 


ये तथाकथित डाइट सप्लीमेंट कई बार कई घातक और जानलेवा बीमारियों के कारण भी बन सकते हैं। आपने कई बार सुना होगा कि स्कूलों में दी जाने वाली विटामिन ए या आयरन की खुराक से बहुत बच्चे बीमार हो गए।

एक अध्ययन से पता चला है कि डाइट सप्लीमेंट ज्यादा मात्रा में लेने से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है।

सैन डिएगो स्थिति यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की प्रमुख शोधकर्ता डॉ. मारिया एलीना मार्टिनेज कहती हैं, “डाइट सप्लीमेंट का उपयोग निश्चित रूप से एक आम धारणा की वजह से किया जाता है कि इससे स्वास्थ्य में फायदा और बीमारियों से बचाव होगा, और सबसे गलत धारणा ये है कि इनसे कोई नुकसान नहीं होता। जबकि ऐसा नहीं है। ‘किसी भी परिस्थिति में और किसी भी मात्रा में डाइट सप्लीमेंट लेने से नुकसान नहीं होगा’, की सोच सही नहीं है।”



अध्ययन:

डाइट सप्लीमेंट के स्वास्थ्य संबंधी प्रभावों पर पाँच शोधकर्ताओं के पैनल ने अध्ययन किया।
अध्ययन के बाद डाइट सप्लीमेंट को हरी झंडी नहीं मिली और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह माना गया।
 
विशेषज्ञों ने जोर देकर कहा कि कैल्शियम, विटामिन डी और फॉलिक एसिड जैसे डाइट सप्लीमेंट जीवन को खतरे में डाल सकते हैं और इनसे कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ भी हो सकती हैं।

जर्नल ऑफ नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट में छपे अध्ययन के अनुसार, लोगों को एंटीऑक्सीडेंट कैप्सूल जैसे विटामिन सी और ई से दूर रहना चाहिए।


अध्ययन के प्रभाव:

डाइट सप्लीमेंट उद्योग का टर्नओवर सालाना 6 अरब 75 करोड़ का है। आँकड़े बताते हैं कि एक तिहाई अंग्रेज लोग प्रति दिन डाइट सप्लीमेंट लेते हैं।

इंग्लैंड्स कैंसर रिसर्च के वरिष्ठ स्वास्थ्य सूचना अधिकारी यिंगा एबो कहते हैं, “इस वैज्ञानिक प्रमाण से लोगों को इन सप्लीमेंट पर विश्वास करने से पहले दोबारा सोचने का कारण मिलेगा।”

वैज्ञानिक अनुशंसा करते हैं कि संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन करना चाहिए, जिसमें सब्जी, फल आदि पर्याप्त मात्रा में हों।

हेल्थ सप्लीमेंट इंफॉर्मेशन सर्विस के डॉ. कैरी रक्सटन ने इस बात की पुष्टि की कि हेल्थ सप्लीमेंट का उपयोग किसी प्रकार की बीमारी से बचने या इसे दूर करने के लिए नहीं किया जा सकता है। Read More....


यूनाइटेड किंगडम में विवाह रखरखाव मास्टर क्लासेस

इंग्लैंड का लव स्कूल रिश्तों को बचाने के लिए रोमांटिक संतुष्टि बढाने का प्रयास कर रहा है। रोडशो के टिकट धड़ल्ले से बिक रहे हैं; इसमें मौजूद प्रत्येक व्यक्ति को ‘बुलेट प्रुफ शादी – तलाक से बचाव का कवच’ की एक प्रति दी जा रही है, जिसमें बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं।


लेकिन ये सब सिर्फ विवाहित जोड़ों द्वारा दी गई सहायता से नहीं चल रहा। यह ईवेंट यूनिवर्सल चर्च ऑफ द किंगडम ऑफ गॉड (यूसीकेजी) प्रायोजित कर रहा है, जो एक पेंटेकोस्टल समूह है, जिसे जालसाजी और काले धन संबंधी आरोपों से जूझना पड़ा है (जिन आरोपों को बाद में खारिज किया गया) और जिसे अमेरिका का एक विशेष वर्ग पसंद करता है। Read More..